AAP के पूर्व पार्षद ने दिया पार्टी से इस्तीफा, लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

निगम चुनाव से पहले कांग्रेस दल के नेता रहे मुकेश गोयल के साथ हुए था आप में शामिल

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नई दिल्ली
दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी में शामिल हुए पूर्व पार्षद पूनम अश्वनी बागड़ी ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इसे लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक पत्र भी लिखा है।
अपने पत्र में उन्होंने लिखा कि मैंने और मेरे पति ने सन 2021 में निगम पार्षद के पद पर रहते हुए आपके द्वारा नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करने तथा आपकी सरकार द्वारा शिक्षा एवं अस्पतालों में बेहतर सुविधा के दिल्ली में प्रचार व प्रसार को देखते हुए आम आदमी पार्टी की सदस्यता आगामी चुनाव न लड़ने की इच्छा जताते हुए ग्रहण की थी और निगम के चुनाव में पार्टी द्वारा दी गई प्रचार की जिम्मेदारी को विभिन्न वार्डों में जोर शोर से प्रचार कर निभाया था। इसके पश्चात पिछले वर्ष हमने आपके भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में सहयोग करते हुए करीब 20 प्राइवेट स्कूलों द्वारा खुले आम रिश्वत मांगने के वीडियो सहित आपको लिखित व मेल के माध्यम से शिकायत की थी लेकिन शिक्षा की क्रांति के जनक मनीष सिसोदिया जी व शिक्षा मंत्री आतिश ने कोई संज्ञान नहीं लिया।
हमें RTI मैं जानकारी मिली है कि प्रत्येक वर्ष मोटी रकम लेकर प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ाई गई है। बाबू जगजीवन राम अस्पताल में डॉक्टर स्टाफ एवं जांच के यंत्रो की भारी कमी होने को लेकर हमारे द्वारा कई बार पत्र लिखा गया परंतु उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
आम आदमी पार्टी की महापौर बनने के बाद आप कार्यकर्ता के मकान से भी लेंटर में पैसे मांगे जाते हैं और यहां तक की पहले से डबल रेट कर दिया गया है न देने पर उनके मकान तोड़े जा रहे हैं सील किए जा रहे हैं तथा उन पर पुलिस में FIR तक दर्ज कराई जा रही है जनता को हाउस टैक्स के डबल नोटिस भेज रहे हैं। विरोध करने पर विधायक पवन शर्मा का मकान अवैध निर्माण में नोटिस देकर बुक कर दिया गया। विधायक महेंद्र गोयल पर निगम के भ्रष्ट निरीक्षक द्वारा मुकदमा बनवा दिया गया। इसी प्रकार बादली विधानसभा क्षेत्र में अपने पार्षद होने के बावजूद ब्लॉक अध्यक्ष अशोक भास्कर व सूरज यादव का मकान तोडा व सील किया गया ऐसी कई मिसाल है। भ्रष्टाचार के चलते बड़ी-बड़ी अवैध बिल्डिंग बनाई जा रही है। दुर्गेश पाठक से भी की गई परंतु कार्यकर्ताओं के साथ हो रहे अन्याय पर MCD प्रभारी दुर्गेश पाठक जी खामोश रहते हैं।
हमने भी स्वयं आपसे कई बार मिलने के लिए मेल एवं लिखित पत्र देकर समय मांगा परंतु हमें मिलने का टाइम ही नहीं दिया गया। इससे परेशान होकर पार्टी छोड़ने की सदस्यता छोड़ने का फैसला लिया है।
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