केजरीवाल संदेशखाली जैसी घटना पर चुप्पी साधे – वीरेन्द्र सचदेवा

अरविंद केजरीवाल वैसे पाकिस्तान-अफगानिस्तान में हिन्दू सिख महिलाओं के साथ हुए दुर्व्यहार पर बोलना तो दूर वह तो देश के 

0 36

नई दिल्ली 

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने अरविंद केजरीवाल के बयान को एक धर्म विशेष की राजनीति से ग्रसित बताया।उन्होने कहा वह कि लूट के पैसो से महल में रहने वाले केजरीवाल अब बताना चाहते हैं कि देश कैसे चलेगा। केजरीवाल दस सालों में ही कई भ्रष्टाचार करके अपनी जमीनी राजनीति खो चुके हैं और एक वर्ग विशेष को खुश करने के लिए उल्टे सीधे बयान दे रहे हैं। केजरीवाल को सिर्फ धर्म की राजनीति करनी है क्योंकि उनके अंदर मानवीय संवेदना खत्म हो चुकी है।

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की भाषा असदुद्दीन ओवैसी, ममता बनर्जी की तरह हैं। रोहिंग्या मुसलमानों पर आज तक अरविंद केजरीवाल का एक भी बयान नहीं आया जबकि पिछले 10 सालों से मुख्यमंत्री केजरीवाल की सरकार दिल्ली में है।उन्होंने कहा कि आज जिस टैक्स की बात केजरीवाल कर रहे हैं उसी टैक्स के पैसो से दिल्ली के मौलवियों को 42000 रुपये तनख्वाह देते हैं जबकि केजरीवाल ने आज तक किसी पुजारी, पादरी या ग्रंथियों के लिए मुंह क्यों नहीं खोलते हैं, इसका जवाब दिल्ली की जनता जानना चाहती है।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने केजरीवाल के बयान को विकृत मानसिकता का बयान बताया और कहा कि सबको पता था कि भाजपा के घोषणा पत्र में सी.ए.ए लागू करने की बात कही थी और आज जब लागू किया जा रहा है फिर इसे धर्म के आधार पर राजनीतिक रुप देने की कोशिश अरविंद केजरीवाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर देश का बंटवारा प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरु ने किया और यह कहा कि कुछ समय के बाद आपको बुला लिया जाएगा। आज जब पं. जवाहर नेहरु के आश्वासन को अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूरा कर रहे हैं फिर अरविंद केजरीवाल को इतनी तकलीफ क्यों हो रही है।

सचदेवा ने कहा कि बंगाल से और घुसपैठ के माध्यम से चोरी चुपके रोहिंग्या भारत के अंदर आते हैं जबकि उन्हें शरण देने का काम अरविंद केजरीवाल की सरकार ने किया है। उनके खुद के विधायकों ने अतिक्रमण किया है और अवैध कब्जे किए हैं, उस पर कार्रवाई भी हुई लेकिन केजरीवाल के मुंह से एक शब्द नहीं निकला। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल वैसे पाकिस्तान अफगानिस्तान में हिन्दू सिख महिलाओं के साथ हुए दुर्व्यहार पर क्या बोलेंगे वह तो देश के संदेशखाली तक की निंदा तक नहीं कर पाते।

Leave A Reply

Your email address will not be published.