Delhi के अवैध कारखानों में मजदूरों की स्थिति खराब, देखी गई प्रशासन की असफलता

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नई दिल्ली 

देश की राजधानी दिल्ली में चल रहे अवैध कारखानों  को लेकर भारतीय  मजदूर संघ ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है। संगठन के महामंत्री डॉ दीपेन्द्र चाहर ने कहा कि अवैध कारखानों हो रही आगजनी के कारण श्रमिक व आम नागरिक जल कर मर रहे है, कारखाने आवासीय परिसर या फ्लैट में चल रहे है जहां आगजनी को रोकने के लिए न कारखाना मालिक के पास कोई व्यवस्था है न कोई मदद पहुंचने के लिए रास्ते, दिल्ली फायर विभाग की रिपोर्ट के अनुसार प्रतिवर्ष 400 से अधिक आगजनी के मामले सामने आते है जनवरी 2024 में 50 से अधिक मामले अवैध कारखाने में आगजनी के आए है, बवाना औधोगिक क्षेत्र में वर्ष 2017 की आगजनी में 17 लोगों की मौत हुई, दिसम्बर 2019 में आनंद मंडी सदर बाजार की आगजनी में 43 लोगों की मौत हुई लेकिन केजरीवाल सरकार आंख बंद करके बैठी है। इस दौरान डॉ दीपेन्द्र चाहर ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार औद्योगिक सुरक्षा एवम स्वास्थ्य कानून (OSH) का अनुपालन नही करा पा रही है, आए दिन लिफ्ट में दुर्घटना हो रही है लिफ्ट लाइसेंस देने व लिफ्ट की निगरानी रखने का काम भी दिल्ली सरकार का ही है लेकिन दिल्ली सरकार सभी प्रकार के श्रम कानूनों का अनुपालन कराने में फैल रही, दिल्ली सरकार को जल्द ही ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एण्ड हेल्थ काउंसिल का निर्माण केंद्रीय श्रम संगठनों के साथ मिलकर करना चाहिए, कानूनों का प्रभारी रूप से अनुपालन हेतु प्रदेश, जिला व तहसील स्तरीय कमेटी का तत्काल निर्माण करना चाहिए ताकि अवैध कारखानों, गैर कानूनी कैमिकल फैक्टरी, लिफ्ट तथा भवन निर्माण क्षेत्र में लापारवाही के कारण हो रही दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

 

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