Tender Palm Hospital में 30 से अधिक किडनी ट्रांसप्लांट की बड़ी उपलब्धि, मात्र 18 माह में मिली यह सफलता

जल्द से जल्द हॉस्पिटल में अत्यधिक जटिल ब्रेन डेड किडनी भी होंगे ट्रांसप्लांट, मिला लाइसेंस

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लखनऊ, रिपोर्टर।
गोमतीनगर एक्सटेंशन स्थित टेंडर पाम सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल ने मात्र 18 महीनों के छोटे से अंतराल में 30 से अधिक किडनी ट्रांसप्लांट में सफलता हासिल की है। इतना ही नहीं, जल्द से जल्द हॉस्पिटल में अत्यधिक जटिल ब्रेन डेड किडनी ट्रांसप्लांट भी किये जाएंगे। जिसका लाइसेंस मिल चुका है। यह जानकारी हॉस्पिटल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) विनय कुमार शर्मा ने दी। वह गुरूवार को हॉस्पिटल के सभागार में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
CEO विनय कुमार शर्मा ने बताया कि 18 महीनों में 30 से अधिक सफल किडनी प्रत्यारोपण में सफलता इसलिए ज्यादा बड़ी है, क्योंकि हमारे पास आने वाले ज्यादातर मरीजों के केस ऐसे थे, जिनका बड़े से बड़े अस्पताल ने भी इलाज करने से मना कर दिया था। उन्होंने बताया कि कई मामलों में मरीज की सेहत या किडनीदाता की स्थिति पर गंभीर संकट थे, जबकि कईयों में आर्थिक संकट के कारण मरीज और उनके परिवार ने उम्मीद छोड़ दी थी। लेकिन टेंडर पाम हॉस्पिटल में उन्हें आशा की नयी किरण दिखी।
आयुष्मान व मुख्यमंत्री राहत कोष से भी हुआ किडनी का प्रत्यारोपण….

किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण कुमार और डॉ. राहुल यादव ने बताया कि हमारे अस्पताल में मरीजों को आयुष्मान योजना के द्वारा भी किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा मिली है। साथ ही मुख्यमंत्री राहत कोष के जरिये भी प्रत्यारोपण किया गया है, जिससे उन पर आर्थिक संकट नहीं गहराया और अब सभी मरीज पूरी तरह स्वस्थ जीवन जी रहे हैं।
किडनीदाताओं की संख्या में इजाफा नहीं होना चिंताजनक…..

मेडिकल डायरेक्टर डॉ. विनीत शुक्ला ने बताया कि हमारे पास किडनी रोगों का सम्पूर्ण निदान है, क्योंकि हमारी विशेषज्ञ टीम बेहद अनुभवी है। साथ ही मरीजों की सेहत के लिए वे खुद को पूरी तरह से समर्पित रखते हैं। उन्होंने बताया कि किडनी प्रत्यारोपण के मामलों में चिंता का विषय यह भी है कि किडनीदाताओं की संख्या में इजाफा नहीं हो पा रहा है, जिसके लिए अस्पताल की ओर से जरूरी जागरूकता भी फैलाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि किसी अस्पताल में एक महीने में पांच से सात किडनी प्रत्यारोपण होना यह बताता है कि उनकी किडनी प्रत्यारोपण टीम और मेडिकल स्टाफ किस तरह अपने मरीजों के लिए संजीदा है। साथ ही भरोसा जताया कि टेंडर पाम हॉस्पिटल की ओर से 100 प्रतिशत सफल किडनी प्रत्यारोपण की कड़ी को टूटने नहीं दिया जाएगा।
कुछ क़ानूनी प्रक्रियाओं का पालन करने में भी टीम करती है पूरी मदद…..

इस मौके पर पत्रकारों के सवालों पर किडनी रोग विशेषज्ञों ने बताया कि यह बेहद जटिल प्रक्रिया है। साथ ही इसे पूरा करने के लिए मरीज को मानसिक रूप से भी तैयार होना पड़ता है, जिसके लिए उसे मनोचिकित्सक से भी मिलाया जाता है। कुछ क़ानूनी प्रक्रियाओं का पालन करने में भी हमारी टीम पूरी मदद करती है। इस मौके पर डॉ समीर मिश्रा, डॉ. वर्तिका श्रीवास्तव, डॉ. महेंद्र सिंह, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. नीरज अग्रवाल समेत हॉस्पिटल प्रबंधन के सदस्य भी मौजूद रहे।
अभी तक हमारे सारे किडनी प्रत्यारोपण सफल हुए….
हॉस्पिटल की चेयरपर्सन व एमबीबीएस, एमएस (जनरल सर्जन) डॉ. अनुभा यादव का कहना है कि हम हर किडनी मरीज को अलग मानते हैं। उसकी शारीरिक गतिशीलता समेत सेहत के हर पैमाने की जांच के बाद उन्हें वास्तविक स्थिति से अवगत कराया जाता है। कुछ मामलों में डीएनए और एचएलए मैच होने पर किडनी प्रत्यारोपण आसानी से होता जाता है। लेकिन यहां आने वाले ज्यादातर मामलों में मरीज की स्थिति गंभीर होती है। इसके बावजूद किडनी रोग विशेषज्ञ टीम पूरे मनोयोग से उनका इलाज करते हैं, जिसका नतीजा है कि अभी तक हमारे सारे किडनी प्रत्यारोपण सफल हुए हैं।

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