किसान 6 मार्च करेंगे दिल्ली कूच, ट्रेन और बसों से पूरी तैयारी

किसान आंदोलन के शहीद शुभकरण सिंह के शहीदी भोग समारोह में लाखों लोग एकत्र हुए

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नई दिल्ली 

न्यूनतम समर्थन मूल्य और अन्य मांगों के लेकर किसान दिल्ली के बॉर्डर पर कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे है। इन्होंने 6 मार्च को देश से किसान दिल्ली कूच के लिए ट्रेन और बसों से आएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा (गैरराजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के आह्वान के पर 13 फरवरी से शुरू होकर दिल्ली की ओर कूच करते हुए किसान आंदोलन 2, पंजाब और हरियाणा की शंभू और खानौरी सीमाओं पर पहुंचा, जहाँ केंद्र सरकार के निर्देश पर, हरियाणा पुलिस और केंद्रीय बलों द्वारा गोली मारकर शुभकरण सिंह की 21 फरवरी की शहीदी कर दी। जिनका अंतिम संस्कार 29 फरवरी को हुआ था। आज उनके पैतृक गाँव बल्लों, भठिंडा में उनका अंतिम अरदास कार्यक्रम हुआ, जहां लाखों लोगों ने भाग लिया और शहीद के प्रति आभार और श्रद्धांजलि व्यक्त की।

इस अवसर पर बोलते हुए, सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि आज के शहादत समारोह के लिए पूरे भारत और पंजाब से लोगों की भीड़ को देखकर मोदी सरकार की आंखें खुलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों और मजदूरों पर आंसू गैस का अंधाधुंध इस्तेमाल किया गया और जिस तरह से हजारों लोग अस्थमा, सीने में दर्द और आंखों की समस्याओं से पीड़ित है, जैसे रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया गया, 12 बोर की राइफल का इस्तेमाल किया गया, एसएलआर का इस्तेमाल किया गया, जिससे एक किसान शहीद हो गया, एक की आंख चली गई, प्रितपाल सिंह को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया और उनके पैर तोड़े गए और 500 से अधिक लोग घायल हो गए। यह स्पष्ट है कि मोदी सरकार अपने हक़ मांगने वाले किसानों और मजदूरों के साथ दुश्मन देश की सेना की तरह व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है और देश में तानाशाही स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन देश की जनता ऐसा नहीं होने देगी।

उन्होंने कहा, “जिस तरह से भाजपा ने लखीमपुर खीरी के मुख्य आरोपी को लखीमपुर खीरी से लोकसभा चुनाव का टिकट देकर सजा से मुक्त घोषित किया है, हम उसकी निंदा करते हैं और देश इसे देख रहा है और देश इन चीजों के लिए कभी माफ नहीं करेगा और मोदी सरकार को सबक सिखाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को भी अपनी अंतरात्मा को जगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार के कुछ दलाल मीडिया का जोर यह साबित करने पर है कि संघर्ष कुछ संगठनों का है, जबकि एसकेएम (गैरराजनीतिक) और केएमएम देश के 2 सौ से अधिक संगठनों का देशव्यापी आंदोलन है। उन्होंने कहा कि भाजपा का आईटी पसेल सोशल मीडिया पर दो समूह बनाकर और दूसरे को गाली देते हुए इसे कांग्रेस, अकाली, आप पार्टी का बताकर आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है।

उन्होंने कहा कि शहीद शुभकरण सिंह का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा और एमएसपी और फसल खरीद गारंटी अधिनियम, स्वामीनाथन रिपोर्ट के कार्यान्वयन, किसानों की पूर्ण ऋण माफी और मांगों के पूरे चार्टर का समाधान नहीं होने तक संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष के मुख्य नेताओं को एमएसपी देने के बजाय एमएसपी और खरीद गारंटी पर कानून बनाने की बात करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि मोदी कह रहे हैं कि उनके सिर पर 140 करोड़ लोगों का हाथ है, लेकिन जिस तरह से उनकी सरकार ने देश के लोगों पर अत्याचार किया है, अगर वह देश के लोगों की आवाज का सम्मान नहीं करेंगे, तो वह 140 करोड़ लोगों के अभिशाप का शिकार हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि आज का आंदोलन हरियाणा और पंजाब के अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों में फैल गया है और आने वाले दिनों में किसान नेता इस अभियान को अन्य राज्यों में भी ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि आज आंदोलन की आवाज विदेशों की संसद में गूंज रही है।

मोर्चा की तरफ से आगे की रणनीति को लेकर बड़ी घोषणा करते हुए उन्होंने बताया की 6 मार्च को देशभर से किसान-मजदूर-आदिवासी दिल्ली कूच करेंगे, ये कूच ट्रेनों और बसों द्वारा होगा। सरकार कहती है की किसान बिना ट्रैक्टर-ट्रॉली के आयें, इसलिए हमने फैसला किया है की जहाँ के साथी ट्रेनों और बसों से दिल्ली आने वाले थे वो अब दिल्ली कूच करें।

दूसरी बड़ी घोषणा करते हुए उन्होंने बताया की 10 मार्च को देशभर में ‘रेल रोको’ प्रदर्शन किया जाएगा, रेल रोकने का ये प्रदर्शन दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक का रहेगा।

इस अवसर पर निम्न मते पास किए गए केंद्र अथवा हरियाणा से गोली चलाने का निर्देश देने और उसका पालन करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों का नाम FIR में शामिल करके उनको गिरफ्तार किया जाए, उत्तर भारत में कल हुई ओलावृष्टि, भारी बारिश और तूफान से हुए नुकसान की सरकारें तुरंत गिरदावरी करवाकर मुवावजा दें, शहीद शुभकरण जी ने जिस मकसद के लिए शहादत दी है उन मांगों को पूरा करने के लिए, खन्नौरी गोलीकांड के दोषियों को जेल में डालने के लिए सारे देश के किसान-मजदूर-मुलाजिम संगठन इस आंदोलन को सफल करने के लिए जोर लगाए।

इस अवसर पर सरवन सिंह पंढेर, जगजीत सिंह दल्लेवाल के अलावा सुरजीत सिंह फूल, अमरजीत सिंह राडा, सतनाम सिंह सानी, इंद्रजीत सिंह कोटबुड़ा, शुखजीत सिंह हरदोझंडे, मंजीत सिंह घुमाना, सतनाम सिंह बगाड़ियाँ, बलवंत सिंह बेहरामके, शुखजिंद्र सिंह, रणबीर सिंह राणा, गुरिन्दर सिंह पंघु, दलबाग सिंह हरिगढ़, हरसुरिंदेर सिंह ढिल्लों, अमरजीत सिंह मोहड़ी, अभिमन्यु कुहाड़, मंजीत सिंह राय, लखविंदर सिंह सिरसा, पी टी जॉन, शुखदेव सिंह भोजराज, केरला रवीन्द्रन (तमिलनाडु), गुरदास सिंह लक्खड़वाली, जरनैल सिंह चहल, रमनदीप सिंह मान, आत्माराम लोहड़, अनीश खटकड़, संदीप सिंह, सुखपाल सिंह डप्पड़, गुरतयां सिंह पनेधी, सोनू औलख, जुझारसिंह, जसविंदर सिंह लोंगोवाल, गुरप्रीत सिंह चीना, परमजीत सी (बिहार), इंदरजीत सिंह आदि उपस्थित थे।

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