Kejriwal का बजट झूठे वादों का पुलिंदा,निगम के हिस्से में नहीं हुई कोई बढ़ोतरी-  राजा इकबाल

इकबाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल ने निगम चुनाव के समय कूड़े के पहाड़ हटाने के लिए घोषित 850 करोड़ रूपए में से एक फूटी कोड़ी भी नहीं आई निगम के हिस्से

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नई दिल्ली

दिल्ली सरकार का सोमवार को वित्त मंत्री अतिशी ने विधानसभा में 10वां बजट पेश किया। इसको लेकर दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष व पूर्व महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा कि आज दिल्ली सरकार द्वारा पेश किए अपने बजट में दिल्ली नगर निगम को बजट में मात्र 8423 करोड रुपए दिए हैं पिछले साल भी करीब इतनी ही राशि दी थी। सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा कि हमने देखा है कि कर्मचारियों अधिकारियों को 2 महीने और पेंशन भी 2 महीने देरी से मिल रही है यह बकाया करीब करीब 2000 करोड रुपए है अगर दिल्ली सरकार को पेंशन और वेतन समय से देना है तो 2000 करोड रुपए की आवश्यकता अधिक थी लेकिन दिल्ली सरकार के बजट से दिल्ली नगर निगम के डेढ़ लाख कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी है क्योंकि इस साल भी उन्हें वेतन और पेंशन के लिए परेशान होना पड़ेगा क्योंकि दिल्ली सरकार ने अपने बजट में कोई अतिरिक्त प्रावधान नहीं किया है।

सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा कि ना तो दिल्ली सरकार ने सफाई के लिए कोई योजना घोषित की है ना ही लैंडफिल साइट के लिए कोई योजना घोषित की है। सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा कि निगम चुनाव के समय केजरीवाल द्वारा लैंडफिल साइट खतम करने के लिए 850 करोड़ रुपए देने की योजना फाइलों में ही रह गौ है और निगम को एक भी रुपया नहीं मिला।

सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा कि कर्मचारियों को पक्का करने के लिए कोई अतिरिक्त व्यवस्था बजट में नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि इससे पहले हमने देखा कि दिल्ली नगर निगम के बजट में भी कोई कर्मचारी के लिए योजना नहीं थी ना ही अतिरिक्त फंड की बात थी बस कागजी कार्रवाई पूरी की गई है।

सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा कि हमारी मांग है कि दिल्ली सरकार कम से कम नगर निगम को तुरंत प्रभाव से 10000 करोड रुपए का एक राहत पैकेज दे ताकि कर्मचारियों के जो एरियर और उनके रिटायरमेंट के पास जो बेनिफिट मिलते हैं उसका पैसा बोनस और हेल्थ स्कीम के लिए उनके इलाज करने के लिए पैसे चाहिए होते हैं और लेकिन पैसे के न होने की वजह से उनको कैशलेस सुविधा नहीं मिल पाती इलाज की इसलिए तुरंत दिल्ली सरकार को चाहिए कि वह 10000 करोड रुपए निगम को देती लेकिन यह बड़ी दुख की बात है की की दिल्ली सरकार ने बजट में कोई प्रावधान नहीं किया।

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