विश्व मस्तिष्क चोट जागरूकता दिवस पर आरएमएल हॉस्पिटल में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

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नई दिल्ली 

विश्व मस्तिष्क जागरूकता दिवस के अवसर पर डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान एक नुक्कड़ नाटक का भी आयोजन किया गया। जिसमें नाटक के माध्यम से लोगों को बताया गया कि किस तरह से सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है सर में होने वाली चोट किस तरह से जिंदगी भर के लिए दर्द बन जाती है। आरएमएल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अजय शुक्ला ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है यदि हम नियमों का पालन करें तो बहुत सी दुर्घटनाएं रुक सकती हैं इन नियमों का पालन हमें खुद करना चाहिए यह हमारी ही सुरक्षा के लिए है। वहीं दूसरी ओर डॉ शरद पांडे ने बताया कि आरएमएल में पिछले साल करीब 17017 नए मामले आए इनमें से 1100 मरीजों को न्यूरो सर्जरी में रेफर किया गया और 400 मरीजों की सर्जरी करनी पड़ी।

आरएमएल में आए 40 बच्चे
आरएमएल न्यूरोसर्जरी के प्रमुख डॉक्टर अजय चौधरी ने बताया कि आरएमएल में 40 बच्चे आए थे। ये बच्चे छत से गिरकर या सड़क में चलने के दौरान घायल हुए थे। ऐसे बच्चों पर हम विशेष ध्यान रखते हैं साथ ही परिवार को भी विशेष सतर्कता बरतने का सुझाव देते हैं।

60 फीसदी बच्चों को बचा सकते हैं
एम्स न्यूरो सर्जरी के प्रोफेसर डॉक्टर दीपक गुप्ता ने कहा कि छत से या बालकोनी से गिरने वाली बच्चों को दुर्घटना से बचाया जा सकता है। एम्स ट्रॉमा सेंटर में आने वाली 60 फ्ट बच्चे लापरवाही का शिकार हुए हैं। उनकी सुरक्षा के लिए सुरक्षित बालकोनी को लेकर एम्स अभियान चला रहा है। हमारी कोशिश है कि लोगों को जागरुक कर ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

जोश में खोया होस
कार्यक्रम के दौरान अपनी दुर्घटना का अनुभव बताते हुए एक मरीज ने कहा कि बाइक पर रेस करने के लिए बिना हेलमेट बाइक चलाई और दुर्घटना हो गई। इस दुर्घटना के बाद लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। लंबे समय तक इलाज चला।

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