Indinewsline, Lucknow:
लखनऊ में बादशाह नगर स्थित मंडल रेल अस्पताल से शनिवार को टीबी की रोकथाम के लिए जनजागरूकता रैली निकाली गयी। जिसे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्वोत्तर के मंडल रेल प्रबन्धक आदित्य कुमार ने हरी झंडी दिखाते हुए रवाना किया। लखनऊ में एक जनवरी से 100 दिवसीय सघन टीबी उन्मूलन अभियान चल रहा है। इस अवसर आदित्य ने सभी को टीबी मुक्त जनपद की शपथ भी दिलाई।
सभी के प्रयासों से ‘टीबी हारेगा और देश जीतेगा’
जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आदित्य कुमार ने कहा कि टीबी उन्मूलन को लेकर प्रधानमंत्री ने साल 2025 के अंत तक का लक्ष्य रखा है। सभी की जिम्मेदारी बनती है कि वह इस मुहिम में सहयोग करें। सभी के प्रयासों से ‘टीबी हारेगा और देश जीतेगा।’
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. ए.के. सिंघल ने बताया कि जनपद में 100 दिवसीय टीबी सघन अभियान को शुरू हुए 18 दिन हो चुके हैं। इन 18 दिनों में एचएएल, रेलवे स्टेशन ऐशबाग, बादशाहनगर सहित 109 स्थानों में विभिन्न जागरूकता गतिविधियं आयोजित कर 1248 लोगों को संवेदित किया गया है।
टीबी लाइलाज बीमारी नहीं, इसकी जांच और इलाज सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर नि:शुल्क
मंडल चिकित्सालय में लोगों को जानकारी देते हुए सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाईजर अभय चन्द्र मित्रा और लोकेश कुमार वर्मा ने बताया कि टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है। इसकी जाँच और इलाज सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर नि:शुल्क है। दो हफ्ते से ज्यादा खांसी आना, शाम के समय बुखार आना, लगातार वजन कम होना, रात को पसीना आना, बलगम के साथ खून आना आदि टीबी के लक्षण हैं। यदि यह लक्षण दिखें तो पास के स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच और इलाज कराएं।
इसके साथ ही क्षय रोगी को इलाज के दौरान निक्षय पोषण योजना के तहत हर माह 1000 की धनराशी खाते में भेजी जाती है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत क्षय रोगियों को गोद लेकर टीबी उन्मूलन में भी सहयोग कर सकते हैं।
इस मौके पर ये सभी चिकित्साधिकारी और कर्मचारी रहे मौजूद
इस मौके पर मंडल चिकित्सालय के चिकित्साधीक्षक डॉ. सुरेन्द्रनाथ, अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, पालीक्लिनिक, ऐशबाग, अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनीतागुप्ता बादशाहनगर, डॉ. विनोद कुमार पाठक, वरिष्ठ मंडल चिकित्सा अधिकारी डॉ. अयाज अहमद, मंडल चिकित्सा अधिकारी डॉ. जतिंदर कुमार, सहायक मंडल चिकित अधिकारी डॉ. प्रशांत कुमार व चिकित्सालय के अन्य अधिकारी और कर्मचारी तथा डॉ. राम मनोहर आयुर्विज्ञान संस्थान के एसटीएस अरुण कुमार और टीबी एचवी सुधीर कुमार सिंह मौजूद रहे।