लखनऊ के मेडिसिन मार्केट में खुले बिजली के पैनल बॉक्स बने जानलेवा, अनहोनी का सताता है डर

सड़क से लेकर गलियों और चौराहों पर खुले पड़े हैं बिजली के पैनल बॉक्स

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लखनऊ, रिपोर्टर।
अमीनाबाद स्थित मेडिसिन मार्केट में बिजली के खुले हुए पैनल बॉक्स से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। शहर का सबसे अधिक भीड़ वाला यह बाजार गलियों से होकर गुजरता है। यहां सड़क से लेकर गलियों और चौराहों पर बिजली उपकरणों के जखीरों से भरे पैनल बॉक्स तो लगे हैं पर उन्हें ढ़का नहीं गया है। इस मार्केट में अधिकत्तर पैनल बॉक्स खुले पड़े हैं। कभी भी कोई इसकी चपेट में आकर जान गवां सकता है। इसके अलावा टेलीकॉम कम्पनियों के जगह-जगह लटके तार इस मार्केट की शोभा को बिगाड़ रहे हैं। ये कम्पनियां नए कनेक्शन देने के बावजूद पुराने लटकते हुए तारों को हटाने से परहेज करती हैं।
यूपी के सबसे बड़े भीड़ वाले दवा मार्केट में अनहोनी की आशंका…..

अमीनाबाद स्थित इस मार्केट में काफी संख्या में दवा की होलसेल की दुकानें हैं। यह यूपी का सबसे बड़ा दवा का मार्केट माना जाता है। यहां राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश भर के फुटकर विक्रेता दवा खरीदने आते हैं। अधिकत्तर थोक व फुटकर व्यापारी, स्थानीय निवासी आदि रोजाना इस भीड़ भरे गलियों से गुजरते हैं। जानवर आदि भी घूमते रहते हैं। इन खुले पैनल बॉक्स से हमेशा किसी अनहोनी का डर बना रहता है। इस मार्केट के दवा विक्रेताओं ने बिजली विभाग के अफसरों से कई बार शिकायत की पर पैनल बॉक्स को अब तक दरवाजे लगाकर ढ़का नहीं गया है।
इंटरनेट कनेक्शन देने के बाद लटकते तारों को नहीं हटाती टेलीकॉम कम्पनियां….

दवा विक्रेता हरिओम, पंकज व सुधीर आदि बताते हैं कि यहां अत्यधिक भीड़ होने की वजह से खुले पड़े पैनल बॉक्स से डर बना रहता है। व्यापारी से लेकर स्थानीय निवासी, छोटे-छोटे बच्चे भी इसके आस पास से ही होकर गुजरते हैं। घूमते जानवरों को भी इससे खतरा रहता है।
इसके अलावा टेलीकॉम कम्पनियों बीएसएनएल, जियो, एयरटेल, सिक्का आदि के जगह-जगह लटके तार इस मेडिसिन मार्केट की शोभा को बिगाड़ रहे हैं। ये कम्पनियां नए कनेक्शन देने के बावजूद पुराने लटके तारों को हटाने से परहेज करती हैं। बार-बार कहने के बावजूद भी तारों व कनेक्शन बक्सों को नहीं हटाती। यहां भूमिगत केबिल से बिजली की सप्लाई होने के बाद से लोगों को लटकते तारों से मुक्ति मिलने की उम्मीदों पर टेलीकॉम कम्पनियों ने पानी फेर दिया। उपभोक्ताओं को इंटरनेट कनेक्शन देने के बाद टेलीकॉम कम्पनियां पुराने बक्सों व लटकते तारों के जखीरों को नहीं हटाती।

बिजली उपकरणों से भरे पैनल बॉक्स के खुले होने से हमेशा खतरा बना रहता है। बारिश में पानी भरने से भी करंट की संभावना बनी रहती है। वहीं टेलीकॉम कम्पनियों के खुले तार इस मार्केट की शोभा को बिगाड़ रहे हैं। यहां भूमिगत केबिल से बिजली की सप्लाई होने के बाद से लटकते तारों से मुक्ति मिलने की उम्मीद जगी थी। लेकिन टेलीकॉम कम्पनियों ने इस पर पानी फेर दिया। ये कम्पनियां उपभोक्ताओं को इंटरनेट कनेक्शन देने के बाद पुराने बक्सों व लटकते तारों के जखीरों को नहीं हटाती हैं।
हरीशचंद शाह, अध्यक्ष, लखनऊ केमिस्ट एसोसिएशन

क्या कहते हैं बिजली विभाग के जिम्मेदार….?
हालांकि लेसा के सुशील कुमार ने अभी दो दिन पहले ही नए एक्सईएन का पदभार ग्रहण किया है। उन्होंने बताया कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है। वहीं JE रामाशीष यादव ने बताया कि बार- बार बिजली के पैनल को दरवाजा लगवाकर बन्द किया जाता है पर नशेड़ी उसके पल्ले निकालकर बेच देते हैं। फिलहाल उसे बन्द कराया जाएगा।

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