Indinewsline, Lucknow:
एनीमिया या खून की कमी की वजह से बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर असर पड़ता है। समय से पहले पैदा हुए और कम वजन के शिशुओं के लिए आयरन का सप्लीमेंटेशन दिया जाना अति आवश्यक है। एनीमिया का कारण, आयरन फोलिक एसिड या विटामिन बी12 की कमी होना है।
विश्व एनीमिया जागरूकता दिवस पर बाल रोग विशेषज्ञ ने दी जानकारी
यह जानकारी बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. उत्कर्ष बंसल ने दी। वह शुक्रवार को विश्व एनीमिया जागरूकता दिवस पर संबोधित कर रहे थे। बाल रोग अकादमी की लखनऊ शाखा द्वारा विद्यालयों, क्लिनिक एवं अस्पतालों में कार्यक्रम आयोजित कर बाल रोग विशेषज्ञों ने अभिभावकों को जागरूक किया।
हीमोग्लोबिन की जांच कर बच्चों में खून की कमी का पता लगाना बेहद जरूरी
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. शालिनी भसीन ने बताया की बच्चों में कम से कम हर पांच साल में एक बार हीमोग्लोबिन की जांच कर यह पता करना आवश्यक है कि उनमें खून की कमी तो नहीं है। कमी होने पर बाल रोग विशेषज्ञ की सलाह से आयरन- फोलिक एसिड की दवा लेना बहुत जरूरी है।
शरीर में आयरन की उपलब्धता के लिए लगातार खाएं आयरन की दवा
डॉ. सलमान खान ने बताया खून की कमी होने पर जब हीमोग्लोबिन सामान्य पर आ जाए उसके बाद भी आयरन की दवा कम से कम तीन महीने तक चलनी चाहिए जिससे शरीर में आयरन का पर्याप्त भंडार बन जाए। आयरन शरीर में सही तरीके से अवशोषित हो सके उसके लिए दोपहर के खाने के एक घंटे बाद दवा को लेना चाहिए। आयरन के साथ में चाय, कॉफी या कैल्शियम युक्त पदार्थ नहीं लेने चाहिए। आयरन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए विटामिन सी युक्त आहार लिया जा सकता है।
सभी बच्चों में खून की कमी को दूर करने का प्रयास
बाल रोग डॉ. आशीष वर्मा ने बताया की भारतीय बाल अकादमी का प्रयास है कि सभी बच्चों में खून की कमी को दूर किया जाए और इसके लिए हम सब अपना हाथ उठाकर रक्त के स्वास्थ्य के लिए संकल्पित है। खून की कमी सबसे गंभीर समस्या है जो बच्चों, किशोरों और स्त्रियों में व्याप्त है।
खून की कमी से बचने का सबसे अच्छा उपाय भोजन में अंकुरित चने आदि लेना लाभकारी
डॉ. एकांश के अनुसार खून की कमी से बचने का सबसे अच्छा उपाय भोजन में अंकुरित चने, हरी सब्जियां, लाल और गहरे रंग के फल लेना और भोजन को लोहे के बर्तन में बनाना है। इसके साथ विटामिन सी युक्त संतरा, नींबू, मिर्च, अमरूद लेना लाभकारी है।
आंगनबाड़ी से मुफ्त आयरन- फोलिक एसिड की दी जाती हैं गोलियां
डॉ. उत्कर्ष ने बताया कि एनीमिया मुक्त भारत योजना के अंतर्गत हर आयुवर्ग के बच्चे, किशोर और गर्भवती महिलाओं को आंगनबाड़ी से मुफ्त आयरन- फोलिक एसिड की गोलियां प्रदान की जाती हैं।
सीएमएस में हुआ जागरूकता कार्यक्रम
गोल्फ़ सिटी स्थित सिटी मॉंटेसरी स्कूल कैम्पस में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें लगभग 350 बच्चों, 12 अध्यापिकाओं और प्रधानाचार्या ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में बाल रोग अकादमी की लखनऊ शाखा की अध्यक्ष डॉ. शालिनी भसीन ने एनीमिया क्या है? कैसे होता है? इसके कारण हमारे शरीर में क्या नुक़सान होता है? एनीमिया को कैसे दूर कर सकते हैं और आयरन के स्त्रोत आदि के बारे में बच्चों को बताया? उन्होंने बच्चों को साल में दो बार डीवर्मिंग की दवा लेने की सलाह भी दी। इसके साथ ही बच्चों ने शपथ ली कि वह अपने एवं अपने परिवार को एनीमिया से दूर रखेंगे।
अध्यापिकाएं भी पौष्टिक आहार का सेवन करने के लिए करेंगी प्रोत्साहित
अध्यापिकाओं ने भी कहा कि वह बच्चों कि टिफ़िन पर ध्यान देंगी कि वह पौष्टिक अहार ही टिफिन में लेकर आयें और वह पौष्टिक आहार का सेवन करने के लिए प्रोत्साहित भी करेंगी। अंत में “एनीमिया से दूर रहने” विषय पर स्लोगन प्रतियोगिता आयोजित हुयी और विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया।