परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों में ‘अंतरा’ बनी महिलाओं की पहली पसंद
पिछले चार सालों से बढ़ रहा है अंतरा का ग्राफ, यूपी में वित्तीय वर्ष 2023-24 में 13.60 लाख महिलाओं ने अपनाया अंतरा, अस्थाई साधनों में सुरक्षित उपाय है तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा
लखनऊ, संवाददाता।
परिवार नियोजन के आधुनिक अस्थाई साधनों में त्रैमासिक इंजेक्शन ‘अंतरा’ को महिलाओं द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है। पिछले चार सालों से अंतरा इंजेक्शन का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में सबसे ज्यादा मान्यता महिलाओं ने अंतरा गर्भनिरोधक इंजेक्शन को दी है। उत्तर प्रदेश में पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में 13.60 लाख महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन अपनाया। वर्ष 2022-23 में 9.65 लाख महिलाओं नें अंतरा का चुनाव किया। वर्ष 2021-22 में छह लाख महिलाओं ने इसे लगवाया। वहीं वर्ष 2020-21 में 3.40 लाख महिलाओं ने अंतरा अपनाया। इससे यह पता चलता है कि इस अस्थ्याई साधन को महिलाओं ने तवज्जोह दी है। परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत त्रैमासिक गर्भ निरोधक इंजेक्शन ‘अंतरा’ को अपनाकर दम्पति खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार लाने को ‘अंतरा’ को महिलाओं ने विकल्प के रूप में चुना
परिवार नियोजन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन महाप्रबंधक डॉ. सूर्यांशु ओझा बताते हैं कि महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार लाने को गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा को महिलाओं द्वारा विकल्प के रूप में चुना गया है। अंतरा इंजेक्शन अनचाहे गर्भ को रोकने और दो बच्चों के बीच अंतर रखने का एक सुरक्षित और प्रभावी अस्थायी गर्भनिरोधक विकल्प है। तीन माह के अंतराल पर लगने वाला यह इंजेक्शन जिला महिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर व उप केन्द्रों पर लगाया जाता है।
परिवार नियोजन कार्यक्रम का सीधे तौर पर मातृ शिशु स्वास्थ्य और पोषण से गहरा सम्बन्ध
उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन कार्यक्रम का सीधे तौर पर मातृ शिशु स्वास्थ्य और पोषण से गहरा सम्बन्ध है। यह दंपति के गुणवत्तापरक जीवन के लिए भी बहुत ज़रूरी है। इसके लिए त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा एक बेहतर विकल्प है। इसकी पहली डोज़ चिकित्सक, स्टॉफ नर्स, कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) या प्रशिक्षित एएनएम द्वारा लाभार्थी की स्क्रीनिंग के बाद ही लगाई जाती है।
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