लखनऊ के रामकृष्ण मठ में सत्संग, स्वामी गुणेशानन्दजी बोलें- ‘प्रेम से युक्त सेवा ही भक्ति है..!’
तीन प्रकार की भक्ति है, इनमें तामसिक, राजसिक और सात्विक भक्ति शामिल
Indinewsline, Lucknow:
लखनऊ में आईटी चौराहा स्थित निराला नगर रामकृष्ण मठ में भगवान श्री रामकृष्ण देव जी की 189वीं जयंती समारोह पर चल रहे नौ दिवसीय कार्यक्रम के तीसरे दिन सत्संग में राजकोट के भागवत सत्संग रामकृष्ण मठ से आए हुए स्वामी गुणेशानन्दजी ने श्रीमद् भागवत के ”कपिल – देवहूति संवाद” में अहैतुकी भक्ति और उसके स्वरूप पर चर्चा की।
प्रेम से युक्त सेवा ही भक्ति है- स्वामी गुणेशानन्द जी
स्वामी गुणेशानन्द जी ने कहा भक्ति क्या है।…..प्रेम से युक्त सेवा ही भक्ति है। उन्होंने कहा कि जैसे गंगाजी की असंख्य धाराएं समुद्र में अवीरत बहती है वैसे जब साधक के मन की असंख्य धाराएं केवल परमात्मा में लगी रहे तब उसे भक्ति कहते है।
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