लखनऊ में रोडवेज कर्मियों के आश्रितों का धरना: “मैंने अपने बाप को खोया है और आप कहते हैं कि नेतागिरी करो!”
धरने के सातवें दिन कड़क धूप व उमस से तड़प रहा था गौस
लखनऊ, संवाददाता।
मैं 18 जून से यहां आया हूँ। परिवहन मंत्री ने कहा कि नौकरी करना है या नेता गिरी करनी है? तुम लोग नेतागिरी ही करो। मैंने अपने बाप को खोया है और आप कहते हैं कि नेतागिरी करो। यह बताते हुए गौस फफक- फफक कर रो पड़ा।
गौस ने बयां किये अपने दर्द…
दरअसल, उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम मुख्यालय पर मृतक आश्रितों का धरना चल रहा है। इसमें गोला डिपो का गौस भी धरने पर बैठे हैं। धरने के सातवें दिन गौस कड़क धूप व उमस से तड़प रहा था। मीडिया ने जब उससे पूछा तो उसने अपने सारे दर्द बयां किये। उसने बताया कि बीमार मां अस्पताल में भर्ती है। किराये के लिए भी रुपये नहीं थे। उधारी लेकर यहां पहुंचा हूं।
इस बार कैबिनेट बैठक में मृतक आश्रित भर्ती का रखा जाएगा प्रस्ताव…
इधर, परिवहन निगम प्रबंध निदेशक ने सोमवार को धरना दे रहे अभ्यर्थियों के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की। एमडी ने भरोसा दिया कि इस बार कैबिनेट बैठक में मृतक आश्रित भर्ती का प्रस्ताव रखा जाएगा। उम्मीद है कि अगस्त तक कोई आदेश जारी कर दिया जाए।
लिखित में आदेश के बाद ही खत्म होगा धरना…
मृतक आश्रितों के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से वार्ता में एमडी ने आश्वासन दिया कि इस बार कैबिनेट में मृतक आश्रितों का प्रस्ताव रखा जाएगा। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल के अनुरोध पर शासन को भेजे जा रहे प्रस्ताव की प्रति मुहैया कराने का आश्वासन दिया। आंदोलनकारियों ने प्रति मिलने के बाद ही धरना खत्म करने का आश्वासन दिया है।
हमें आश्वासन नहीं, लिखित में आदेश चाहिए…![]()
धरने पर बैठे अम्बेडकर नगर डिपो से आये अनूप कुमार सिंह ने बताया कि हम नियुक्ति पत्र की मांग कर रहे हैं। बताया जाता है कि विभाग घाटे में चल रहा है जबकि हमारा विभाग पांच साल से लाभ में है। उन्होंने कहा कि हमें आश्वासन नहीं बल्कि लिखित में आदेश चाहिए।
यहां महिलाओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं…![]()
Related Posts