पोषण भत्ता दोगुना होने से टीबी उन्मूलन को बल मिलेगा, “टीबी मुक्त भारत” पीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट-डॉ. सूर्यकान्त
भारत सरकार ने टीबी रोगियों का पोषण भत्ता 500 की जगह एक हजार रुपये प्रतिमाह किया
लखनऊ, संवाददाता।
लखनऊ में किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त ने बताया कि भारत सरकार ने टीबी रोगियों का पोषण भत्ता 500 की जगह एक हजार रुपये प्रतिमाह कर दिया है। यह वृद्धि इसी साल अगले माह एक नवम्बर से प्रभावी होगी और सभी नए लाभार्थियों के साथ-साथ प्रभावी तिथि के बाद मिलने वाले लाभों पर भी लागू होगी।
प्रोत्साहन तीन हजार की दो बराबर किस्तों में मिलेगा
उन्होने कहा कि यह प्रोत्साहन तीन हजार रुपये की दो बराबर किस्तों में दिया जाएगा, जिसमें तीन हजार रुपये का पहला लाभ निदान के समय अग्रिम के रूप में दिया जाएगा और तीन हजार रुपये का दूसरा लाभ उपचार के 84 दिन पूरे होने के बाद दिया जाएगा। जिन लाभार्थियों के उपचार की अवधि छह महीने से अधिक है, उन्हें एक हजार रुपये प्रति माह का नया लाभ दिया जाएगा।
“टी.बी. मुक्त भारत” हमारे प्रधानमंत्री जी का ड्रीम प्रोजेक्ट
डॉ. सूर्यकान्त ने बताया कि “टी.बी. मुक्त भारत” हमारे प्रधानमंत्री जी का ड्रीम प्रोजेक्ट है, टीबी रोगियों के लिए बढ़ाये गये पोषण भत्ता से टी.बी. उन्मूलन कार्यक्रम को बल मिलेगा। उन्होने कहा कि कुपोषण और टीबी एक सिक्के के दो पहलु हैं। कुपोषण से टीबी रोग के विकसित होने का जोखिम बढ़ता है, टीबी होने के कारण कमजोरी के साथ वजन घटता है इससे कुपोषण की स्थिति और खराब हो जाती है। इसलिए टीबी रोगियों में कुपोषण को दूर करने से उपचार के प्रति प्रतिक्रिया बेहतर होगी, मृत्यु दर कम होगी और लम्बे चलने वाले उपचार के परिणाम बेहतर होगें। इसलिए भारत सरकार ने 500 रुपये प्रतिमाह की जगह 1000 रुपये प्रतिमाह टीबी रोगियों का पोषण भत्ता कर दिया है।
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