सीएम योगी से लोहिया संस्थान में भ्रष्टाचार की शिकायत, पूर्व कर्मियों को संविदा पर दी तैनाती, पेंशन के साथ ले रहे वेतन, आउटसोर्स का उत्पीड़न
लोहिया संस्थान प्रशासन दो वर्षों से लगातार कई पदों पर पेंशन लेने वाले अपने ही कर्मचारियों को संविदा पर कर रहा भर्ती
इंडीन्यूजलाइन, लखनऊ
उत्तर प्रदेश में पहले से ही बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओं के साथ बड़े स्तर पर अन्याय हो रहा है। युवाओं को नौकरी देने की बजाय पेंशनधारियों की ही आउटसोर्सिंग के तहत नियुक्ति की जा रही है। मामला लखनऊ के गोमतीनगर स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान से जुड़ा हुआ है।
आउटसोर्स के तीन हजार कर्मचारियों के साथ भेदभाव
लोहिया संस्थान प्रशासन पिछले दो वर्षों से लाभ दिलाने के लिए लगातार कई पदों पर पेंशन लेने वाले अपने ही कर्मचारियों को संविदा पर भर्ती कर रहा है। इससे यहां पहले से ही आउटसोर्स के तैनात करीब तीन हजार और नियमित एक हजार कर्मचारियों के साथ भेदभाव हो रहा है।
बेरोजगारी में पेंशन लेने वाले पूर्व कर्मचारियों को नौकरी देने का क्या तात्पर्य?
सवाल यह है कि जब बेरोजगारी ही है तो फिर पेंशन लेने वाले पूर्व कर्मचारियों को नौकरी देने का क्या तात्पर्य है? इनकी जगह दूसरे बेरोजगार युवाओं की नियुक्ति क्यों नहीं की जा रही है? यह भी सवाल उठता है कि जब लोहिया संस्थान के ही रिटायर्ड कर्मियों को नियुक्ति दी जाएगी तो फिर ये दूसरे आउटसोर्सिंग पर ही निर्भर कर्मचारियों के साथ किस स्तर का व्यवहार करते होंगे?
सीएम योगी आदित्यनाथ से शिकायत
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी में युवा मंच के प्रदेश अध्यक्ष करुणेश तिवारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने रिटायर्ड कर्मचारियों की संविदा पर भर्ती को लेकर लोहिया संस्थान प्रशासन की शिकायत की है।
तीन हजार आउटसोर्सिंग और एक हजार स्थाई कर्मचारी कार्यरत
प्रदेश अध्यक्ष करुणेश तिवारी ने पत्र के माध्यम से कहा कि लखनऊ स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान प्रदेश का उच्च चिकित्सा शिक्षा संस्थान है। यहां पर करीब तीन हजार कर्मचारी आउटसोर्सिंग और लगभग एक हजार स्थाई कर्मचारी कार्यरत हैं। पिछले दो वर्षों से संस्थान प्रशासन अपने लोगों को लाभ देने के लिए लगातार कई पदों पर रिटायर्ड पेंशनधारियों को संविदा पर भर्ती कर रहा है। जिसमें इंजीनियर से लेकर प्रशासनिक अधिकारी और चपरासी तक शामिल है। मुद्दे की बात तो यह है कि पीआरओ, चपरासी, कंप्यूटर ऑपरेटर आदि पद जिसको सैकड़ों की संख्या में आउटसोर्स किया गया है। उस पर भी रिटायर्ड कर्मियों की नियुक्ति की गई है।
चपरासी के पद पर आउटसोर्सिंग को 11 तो रिटायर्ड कर्मचारी को मिलता है 25 हजार से अधिक का वेतन
करुणेश के मुताबिक चपरासी के पद पर जहां आउटसोर्सिंग को 11 हजार तो वहीं रिटायर्ड कर्मचारी को 25 हजार से अधिक का वेतन भुगतान हो रहा है। संस्थान में सुरक्षाकर्मी आपूर्ति के अनुबंध के बावजूद सुरक्षा अधिकारी, इंजीनियर, लेखाधिकारी आदि पदों पर रिटायर्ड कर्मियों की ही नियुक्ति की गई है।
हाल ही में 250 सुरक्षाकर्मी कार्यमुक्त भी किए
सरकार जहां एक तरफ युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार देने के लिए वचनबद्ध है, तो वहीं संस्थान में युवाओं का हक छीनकर रिटायर्ड कर्मियों की भर्ती की जा रही है।
करुणेश तिवारी ने पत्र के माध्यम से बताया कि अभी हाल ही में 250 सुरक्षाकर्मी कार्यमुक्त भी किए गए। अधिक वेतन देकर सरकारी धन का दुरुपयोग भी किया जा रहा है।
संस्थान में कार्यरत रिटायर्ड संविदा कर्मियों की सेवा को तत्काल समाप्त करने की मांग
रिटायर्ड कर्मी प्रशासनिक और अधिकारी के पदों पर नियुक्त होते हैं तो आउटसोर्स कर्मियों के साथ उत्पीड़न भी होता है। पत्र में श्री तिवारी ने मुख्यमंत्री से संस्थान में कार्यरत रिटायर्ड संविदा कर्मियों की सेवा को तत्काल समाप्त करने की मांग उठाई है। साथ ही सभी स्थाई अथवा आउटसोर्सिंग के पदों पर युवाओं की ही नियुक्ति करने का अनुरोध किया।
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