यूपी में एक जुलाई से चलेगा ‘डायरिया रोको अभियान’

स्वास्थ्य केन्द्रों व आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बनेंगे ओआरएस एवं जिंक कॉर्नर

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लखनऊ, कार्यालय।
सूबे में एक जुलाई से 31 अगस्त तक डायरिया रोको अभियान चलेगा। इस साल “डायरिया की रोकथाम, सफाई एवं ओआरएस से रखें अपना ध्यान” थीम के साथ यह अभियान शुरू होगा। दस्त प्रबंधन मे ओआरएस एवं जिंक का सह उपयोग उपयोगी हैं। इनके उपयोग की कवरेज को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस सम्बन्ध में शासन में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने पत्र जारी कर संबधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं।
ओआरएस के 1.45 करोड़ पैकेट और जिंक की 23.87 करोड़ गोलियां उपलब्ध कराई गई हैं। इस दौरान स्वास्थ्य केन्द्रों और आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ओआरएस एवं जिंक कॉर्नर बनाए जायेंगे।
‘दस्तक’ के साथ अभियान चलाने के निर्देश
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एव चिकित्सा, पार्थ सारथी सेन शर्मा ने राज्य स्तरीय समन्वय बैठक में यह निर्देशित किया कि इसे अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान, ‘दस्तक’ के साथ चलाया जाये और उन्होने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा 24 जून को राष्ट्रीय दस्त रोको अभियान 2024 के शुभारंभ के दौरान केंद्र सरकार के इस निर्णय से अवगत कराया।
अभियान के पीछे बचपन में डायरिया के कारण होने वाली शून्य बाल मृत्यु को प्राप्त करना है: डॉ. पिंकी जोवल
उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ. पिंकी जोवल का कहना है स्टॉप डायरिया अभियान 2024 के पीछे का लक्ष्य बचपन में डायरिया के कारण होने वाली शून्य बाल मृत्यु को प्राप्त करना है। नई रणनीति में पांच साल से कम आयु के बच्चों को सह-पैकेजिंग के रूप में दो ओआरएस पैकेट और जिंक की पूर्व-स्थिति के साथ दो महीने का अभियान शामिल है। इसमें स्वास्थ्य, जल और स्वच्छता, शिक्षा और ग्रामीण विकास सहित कई क्षेत्रों में विभिन्न प्लेटफार्मों और सहयोग के माध्यम से व्यापक आईईसी भी शामिल होगा।
ओआरएस के 1.45 करोड़ पैकेट और जिंक की 23.87 करोड़ गोलियां उपलब्ध: डॉ. सूर्यांशु ओझा
बाल स्वास्थ्य महाप्रबंधक डॉ. सूर्यांशु ओझा ने बताया कि ओआरएस के 1.45 करोड़ पैकेट और जिंक की 23.87 करोड़ गोलियां उपलब्ध हैं। इस दौरान स्वास्थ्य केन्द्रों और आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ओआरएस एवं जिंक कॉर्नर बनाए जायेंगे। अभियान के दौरान आशा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और प्राथमिक विद्यालयों में ओआरएस डिपो बनाकर ओआरएस एवं जिंक की गोलियों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाएगी।

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