नेहा सिंह राठौर व LU की प्रोफेसर काकोटी पर FIR के विरोध में उतरा AIPF, बोला-दहशत फैलाने वालों पर भी न हो कार्रवाई, लखनऊ के पुलिस कमिश्नर से मिलकर सौंपा ज्ञापन

पहलगाम घटना की निष्पक्ष जांच करा कर सच्चाई देश के सामने लाए केंद्र सरकार

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इंडिन्यूजलाइन,लखनऊ:
आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (AIPF) ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आंतकी हमले पर देश विरोधी बयान को लेकर लोक गायिका नेहा सिंह राठौर और लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर माद्री काकोटी पर दर्ज FIR की कड़ी निंदा करते हुए उसे तत्काल खत्म करने की मांग की है। इसके लिए एक प्रतिनिधिमंडल ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा है।

महिलाओं पर दर्ज FIR संविधान के मौलिक अधिकार के विरुद्ध
AIPF की राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक में इन महिलाओं पर दर्ज FIR को संविधान के मौलिक अधिकार के विरुद्ध बताया गया है। AIPF के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. आर. दारापुरी ने बताया कि यह संविधान प्रदत्त असहमति और अभिव्यक्ति के अधिकार का खुला उल्लंघन है। इन दोनों महिलाओं पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 के तहत यानी देश की एकता, अखंडता व सम्प्रभुता को नुकसान पहुंचाने की धारा में मुकदमा कायम कर दिया गया है। सरकार का यह कृत्य लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं है। एआईपीएफ ने मांग की है कि नेहा सिंह राठौर और प्रोफेसर माद्री काकोटी पर लगाए गए मुकदमों को तत्काल खत्म किया जाए और दहशत फैलाने की जारी कार्रवाइयों पर रोक लगाई जाए।

पहलगाम की घटना में सुरक्षा चूक की बात गृहमंत्री अमित शाह ने खुद स्वीकार की
AIPF ने लिए गए प्रस्ताव में कहा है कि पहलगाम की त्रासद घटना में सुरक्षा चूक की बात केंद्र सरकार की सर्वदलीय बैठक में गृहमंत्री अमित शाह ने खुद स्वीकार की है। पहलगाम के इस टूरिस्ट स्पॉट पर घटना के वक्त एक भी सुरक्षा कर्मी मौजूद नहीं था। ऐसे में केंद्र सरकार व भाजपा को बताना चाहिए कि इस गंभीर सुरक्षा चूक पर प्रश्न पूछना अपराध कैसे हो गया? प्रस्ताव में कहा गया है कि भारत सरकार को पहलगाम घटना की स्वतंत्र व निष्पक्ष एजंसियों से जांच कराकर उसके सच को देश व दुनिया के सामने लाना चाहिए, जिससे भारत का पक्ष मजबूत होगा लेकिन इसके लिए वह तैयार नहीं है। वहीं इस पर सवाल करने वाले नागरिकों के दमन पर उतारू है।

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