J&K: कलमा पढ़वाया, फिर नाम व धर्म पूछकर आतंकियों ने मारी गोली, 26 पर्यटकों की गई जान

लोकल पुलिस की वर्दी में चेहरे पर मास्क लगाकर पहुंचे थे आतंकी

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इंडिन्यूजलाइन, नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकियों ने 26 मासूम पर्यटकों की जान ले ली। सिर्फ इसलिए इनकी हत्या की गई कि उन्होंने मुस्लिम धर्म को नहीं अपनाया।

लोकल पुलिस की वर्दी में थे आतंकी
एक जानकारी के मुताबिक आतंकी लोकल पुलिस की वर्दी में थे और चेहरे पर मास्क लगाए हुए थे। पहले तो उन्होंने पर्यटकों से नाम पूछा, फिर धर्म, और उसके बाद जबरन कलमा पढ़ने के लिए कहा। जो लोग कलमा नहीं पढ़ पाए या हिचकिचाए, उन्हें वहीं पर गोलियों से भून डाला गया। ज्यादातर निशाना हिंदू पुरुषों को बनाया गया।

कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया
आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के पुणे से पहलगाम घूमने आईं आसावरी ने बताया, “हमलावरों ने सिर्फ पुरुषों को अलग किया और कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया। जो नहीं पढ़ सका, उसे वहीं गोली मार दी गई।” आसावरी ने यह भी बताया कि हमलावरों की पुलिस जैसी वर्दी देखकर कोई अंदाजा नहीं लगा सकता था कि ये आतंकी हैं।

26 मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय निवासी
एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि 26 मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय निवासी हैं। अधिकारियों ने बताया कि यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस भारत की यात्रा पर हैं और पर्यटन तथा ‘ट्रैकिंग’ का सीजन जोर पकड़ रहा है। हमला अपराह्न करीब तीन बजे हुआ।

देश व दुनिया के पर्यटकों के बीच पसंदीदा स्थान है पहलगाम
पहलगाम शहर से लगभग छह किलोमीटर दूर बैसरन चीड़ के पेड़ों के घने जंगलों और पहाड़ों से घिरा एक विशाल घास का मैदान है तथा देश व दुनिया के पर्यटकों के बीच पसंदीदा स्थान है। अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हथियारबंद आतंकवादी ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ में घुस आए और भोजनालयों के आसपास घूम रहे, खच्चर की सवारी कर रहे, पिकनिक मना रहे पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी।

आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के छद्म संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने ली हमले की जिम्मेदारी
कश्मीर घाटी में हुए इस हमले में कम से कम 20 लोग घायल हो गए। पाकिस्तान में स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के छद्म संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। अधिकारियों ने कहा कि यह संभव है कि आतंकवादी समूह जम्मू के किश्तवाड़ से दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग के रास्ते बैसरन तक पहुंचा हो।

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