निगम में भी एजेंसियों के शामिल करने पर भड़के आउटसोर्स कर्मी, सीएम योगी की घोषणा के अनुरूप बनाने की मांग, शासन को भेजे सुझाव

जल्द ही कर्मचारी संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल निगम का गठन कर रहे प्रमुख सचिव से करेगा मुलाकात

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इंडिन्यूज लाइन, लखनऊ:
आउटसोर्सिंग कर्मियों के लिए बनाए जा रहे निगम में भी निजी एजेंसियों के शामिल करने का विरोध शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप काम नहीं होने पर कर्मचारी भड़क गए हैं। एजेंसियों के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया व कार्य कराए जाने की जानकारी होने पर संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ की ओर से उप्र शासन के मुख्य सचिव को सुझाव भेजा गया है। इसके लिए जल्द ही कर्मचारी संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल निगम का गठन कर रहे प्रमुख सचिव से भी मिलेगा।

कर्मचारियों की नियुक्ति एवं वेतन का भुगतान सीधे निगम करे
संघ के प्रदेश महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्रा ने शासन को भेजे गए प्रस्ताव में कहा है कि कर्मचारियों की नियुक्ति एवं वेतन भुगतान सीधे निगम द्वारा किया जाए। निगम से ही प्रमोशन तथा वार्षिक वेतन बढ़ोतरी एवं विभिन्न अवकाश का लाभ दिया जाए। महत्वपूर्ण यह है कि एक निश्चित समय अवधि के बाद कर्मचारियों को स्थायी पदों पर समायोजित किया जाए। चिकित्सा शिक्षा विभाग में कमेटी द्वारा निर्धारित वेतनमान को भी शामिल कर कर्मचारियों की सेवाएं के अनुरूप समय- समय पर उनको प्रोत्साहन राशि एवं बोनस देने की मांग उठाई है।

सीएम योगी ने निगम बन जाने के बाद एजेंसियों की सेवाएं समाप्त करने का किया था ऐलान
महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने घोषणा में कहा था कि आउटसोर्सिंग में निगम बन जाने के बाद एजेंसियों की सेवाएं समाप्त कर दी जाएगी। कर्मचारियों की भर्ती, नियुक्ति पत्र, वेतन समेत सारा कार्य सीधे निगम द्वारा किया जाएगा। इससे सरकार को भी जीएसटी एवं सर्विस चार्ज की बचत होगी। मगर, जानकारी मिली है कि निगम में सेवा प्रदाता फर्म के द्वारा ही सारा कार्य कराए जाने का प्रावधान किया जा रहा है जो की उचित नहीं है।

इससे पूर्व भी कई निगम में कर्मचारियों का शोषण तथा उनके वेतन में हुआ था गबन
श्री मिश्रा ने कहा कि इससे पूर्व में भी कई निगम द्वारा आउटसोर्स फर्म को पंजीकृत करवा कर कार्य करवाया गया। जिसमें कर्मचारियों का शोषण तथा उनके वेतन में गबन हुआ। उन्होंने कहा कि होम्योपैथी विभाग में अपट्रान द्वारा एजेंसी को काम दिया गया। जिसमें हजारों कर्मचारियों का 14 माह के वेतन का गबन हुआ था। ऐसे कई मामले पहले भी आ चुके हैं।

निगम का गठन घोषणा के अनुरूप हो अन्यथा इसकी कोई आवश्यकता नहीं
उन्होंने कहा कि निगम का गठन घोषणा के अनुरूप हो अन्यथा इसकी कोई आवश्यकता नहीं है। महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्रा ने पत्र में सुझाव दिया है कि अगर आउटसोर्स कर्मियों का शोषण और उत्पीडऩ सही मायने में रोकना है तो सरकार को एजेंसियों का अनुबंध समाप्त करते हुए उनकी सेवाएं सीधे निगम द्वारा लिए जाने की व्यवस्था करनी चाहिए।

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