लखनऊ में महिला की रेप के बाद हत्या का आरोपी मुठभेड़ में ढेर, भाई को गिरफ्तार कर रखा था एक लाख का इनाम, ऑटो भी हुई थी बरामद

क्राइम ब्रांच को मिली थी जानकारी, इसलिए हुई एक्टिव

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Indinewsline, Lucknow: मुकेश कुमार
यूपी की राजधानी लखनऊ में लूटपाट व रेप के बाद अयोध्या की 34 वर्षीय महिला की हत्या का मुख्य आरोपी व हिस्ट्रीशीटर ई-ऑटो चालक अजय द्विवेदी शुक्रवार की रात पुलिस से मुठभेड़ में ढेर हो गया। यह मुठभेड़ मलिहाबाद थाना क्षेत्र के देवम लान के पास हुई। घायल अजय को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

इससे पहले भाई हुआ था गिरफ्तार, ऑटो भी हुई थी बरामद
इससे पहले पुलिस ने घटना में शामिल उसके भाई दिनेश को गिरफ्तार कर लिया था। जबकि ई-ऑटो भी बरामद हो गया। मुख्य आरोपी अजय फरार चल रहा था। इस पर पुलिस ने एक लाख का इनाम घोषित किया था। रात को अजय की पुलिस से भिड़ंत हो गई। इसमें पुलिस की गोली लगने से वह ढेर हो गया।
क्राइम ब्रांच को मिली थी जानकारी, इसलिए हुई एक्टिव
क्राइम ब्रांच प्रभारी शिवानंद मिश्र को अजय के मलिहाबाद इलाके में होने की सूचना मिली थी। इसके बाद देवा रेस्टोरेंट के पास पुलिस ने घेराबंदी कर दी। करीब साढ़े नौ बजे अजय बाइक से आता दिखा। पुलिसकर्मियों ने घेराबंदी कर उसे पकडऩे का प्रयास किया। इसी बीच अजय ने फायरिंग कर दी। पुलिस की जवाबी फायरिंग में अजय गाली लगते ही बाइक से गिर पड़ा। मौके पर पुलिस उसे अस्पताल ले गई,जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मुख्य आरोपी अजय दुबग्गा का हिस्ट्रीशीटर था
इससे पहले दोपहर में पुलिस ने मुख्य आरोपी के भाई दिनेश को गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक अजय दुबग्गा का हिस्ट्रीशीटर था। अजय और उसके भाई दिनेश का पहले से ही आपराधिक रिकॉर्ड है। अजय पर 23, जबकि दिनेश पर 9 मुकदमे दर्ज हैं। दिनेश को मलिहाबाद कस्बे के संन्यासी बाग से पुलिस ने पकड़ा था। आरोपी ने जब घटना को अंजाम दिया, उस समय ऑटो पर नंबर प्लेट नहीं थी। बाद में ऑटो की पहचान छिपाने और बचाव के लिए नंबर प्लेट को दोबारा लगा दिया था।

आलमबाग बस अड्डे से ऑटो में बैठाने के बाद वारदात को दिया था अंजाम
बनारस से इंटरव्यू देकर लौटी अयोध्या की महिला को आलमबाग बस अड्डे से ऑटो में बैठाने के बाद वारदात को अंजाम दिया गया था। दो दिनों से पुलिस लुटेरे पीछे लगी थी। सीसीटीवी में उसकी तस्वीरें भी कैद होने के बाद पहचान हुई थीं। इसके बाद उसके ऊपर एक लाख का इनाम घोषित किया गया था। राजधानी में हुई जघन्य हत्या को सीएम योगी ने गंभीरता से लिया था। उनके आदेश पर लापरवाही बरतने के आरोप में इंस्पेक्टर समेत सात पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। इसी बीच शुक्रवार की रात पुलिस को बड़ी सफलता मिल गई।

महिला एक निजी कंपनी में इंटरव्यू देने गई थी बनारस
अयोध्या जिले के रौनाही की 34 वर्षीय महिला एक निजी कंपनी में इंटरव्यू देने बनारस गई थी। वहां से 18 मार्च को लखनऊ आई और रात डेढ़ बजे आलमबाग बस अड्डे से चिनहट निवासी अपने भाई को फोन किया और लाइव लोकेशन भेजी। बस अड्डे के बाहर से ऑटो सवार उसे गंतव्य तक छोडऩे की बात कहकर ले गए। रास्ते में दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या की और जेवर लूट लिए। रात 2.25 बजे महिला के भाई ने फोन किया तो मोबाइल बंद मिला। लाइव लोकेशन मलिहाबाद की दिखी। इसके बाद भाई ने फोन कर पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। मलिहाबाद पुलिस को बुधवार तड़के करीब पांच बजे उसका शव औंधे मुंह मोहम्मदनगर में पड़ा मिला था। जांच में पता चला कि रेप के बाद उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई है।

घटना के बाद आरोपी ऑटो चालक की तलाश में जुटी थी पुलिस
इसी के बाद पुलिस की टीमें लुटेरे ऑटो चालक के पीछे पड़ गईं थी। पता चला कि ऑटो पर गलत नंबर प्लेट लगाकर वह क्राइम में ही लगा हुआ था। सीसीटीवी फुटेज से उसकी पहचान हुई। पुलिस टीमें घर पहुंची तो वह नहीं मिला। शुक्रवार को उसके भाई को ही पुलिस थाने उठा लाई।

मलिहाबाद इलाके में छिपा था आरोपी, पुलिस ने की थी घेराबंदी
इस बीच पुलिस को सूचना मिली कि वह मलिहाबाद इलाके में भी छिपा हुआ है। पुलिस वहां पहुंची और एक रेस्टोरेंट के पास उसकी घेरेबंदी की। रात करीब साढ़े नौ बजे पुलिस की घेरेबंदी को तोड़ कर भागने के लिए लुटेरे ने फायरिंग कर दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग में उसे ढेर कर दिया।

आलमबाग के इंस्पेक्टर समेत सात पुलिसकर्मी हुए थे निलंबित
पुलिस अधिकारियों की प्राथमिक जांच में सामने आया था कि इंस्पेक्टर, चौकी प्रभारी, यूपी 112 के कर्मी, चौकी पर तैनात सिपाही ड्यूटी में लापरवाही न बरतते तो इतनी बड़ी घटना न होती। पुलिस कमिश्नर अमरेन्द्र कुमार सेंगर ने गुरुवार दोपहर इंस्पेक्टर आलमबाग कपिल गौतम, चौकी प्रभारी बस अड्डा राम बहादुर, रात्रि अधिकारी दरोगा कमरुजमा, रात्रि ड्यूटी पर तैनात हेड कांस्टेबल राजेश कुमार, विजय यादव, पीआरवी कमांडर 4821 दरोगा शिव नंदन सिंह व पीआरवी 4821 हेड कांस्टेबल पंकज यादव को निलम्बित कर दिया था।

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