लखनऊ के गोसाईगंज ब्लॉक में अब तक 1.48 लाख ने खाई फाइलेरिया से बचाव की दवा, ब्लाक की 2.73 लाख की जनसंख्या को दवा खिलाने का लक्ष्य

गोसाईगंज ब्लॉक में CMO डॉ. N.B. सिंह के निर्देशन में 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन (IDA) अभियान की शुरूआत

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Indinewsline, Lucknow:
राजधानी लखनऊ के गोसाईगंज ब्लॉक में अभियान के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर अब तक कुल 1.48 लाख लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई है। यानि ब्लाक में 54 फीसद लोगों ने फाइलेरियारोधी दवा का सेवन किया है। गोसाईगंज ब्लॉक में CMO डॉ. N.B. सिंह के निर्देशन में 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन (IDA) अभियान की शुरूआत की गई थी। जो 25 फरवरी तक चलेगा। अभियान को शुरू हुए एक सप्ताह से ज्यादा हो चुके हैं।

अभियान में ब्लाक की 2.73 लाख की जनसंख्या को फाइलेरियारोधी दवा खिलाने का लक्ष्य
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. रितु श्रीवास्तव ने बताया कि अभियान के दौरान ब्लाक की 2.73 लाख की जनसंख्या को फाइलेरियारोधी दवा खिलाने का लक्ष्य है। डॉ. रितु के मुताबिक जनपद के शहरी क्षेत्र और अन्य ब्लॉक का माइक्रो फाइलेरिया रेट एक से कम जबकि गोसाईगंज का एक से अधिक है।

शत-प्रतिशत लोगों को फाइलेरियारोधी दवा खिलाने का प्रयास
डॉ. रितु श्रीवास्तव ने कहा कि हमारा प्रयास है कि इस राउंड में शत-प्रतिशत लोग फाइलेरियारोधी दवा का सेवन कर लें। इसी क्रम में स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने सामने ही लोगों को फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करवा रहे हैं। उन्हें बाद में खाने के लिए नहीं दे रहे हैं।

अभियान में फाइलेरिया मुक्ति के लिए ये संस्था और प्रतिनिधि कर रहे सहयोग
उन्होंने बताया कि इस अभियान में फाइलेरिया मुक्ति के लिए पाथ, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल (पीसीआई) संयुक्त रूप से सहयोग कर रही हैं। पहली बार सीएचओ-पेशेंट स्टेकहोल्डर प्लेटफोर्म के तहत $फाइलेरिया रोगी, ग्राम प्रधान, कोटेदार, $फाइलेरियारोधी दवा सेवन से इनकार करने वाले लोगों को दवा सेवन करने के लिए तैयार कर दवा सेवन करवा रहे हैं।

दवा सेवन के बाद जी मिचलाना, चक्कर आना या शरीर में चकत्ते पड़ते हैं तो घबराएं नहीं
जिला मलेरिया अधिकारी ने अपील की है कि क्षेत्र में जब भी स्वास्थ्य कार्यकर्ता फाइलेरियारोधी दवा का सेवन कराने आयें तो जरूर करें। दवा सेवन के बाद यदि जी मिचलाना, चक्कर आना या शरीर में चकत्ते पड़ते हैं तो घबराएं नहीं। ऐसा शरीर में फाइलेरिया के परजीवियों के मरने के कारण होता है। जब कोई ऐसा व्यक्ति जिसके शरीर में फाइलेरिया के परजीवी हैं, वह फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करता है तो फाइलेरिया के परिजीवियों के मरने के परिणाम स्वरूप यह प्रतिक्रिया होती है जो कि कुछ समय बाद अपने आप ठीक हो जाती है।

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