UP की सकल प्रजनन दर 2.7 से घटकर 2.4 हुई, DG बोले-जलवायु परिवर्तन का मातृ एवं बाल स्वास्थ्य पर पड़ता है नकारात्मक प्रभाव
मातृ स्वास्थ्य एवं गर्भधारण-पूर्व देखभाल में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर लखनऊ में आयोजित संवादात्मक संगोष्ठी
Indinewsline, Lucknow:
उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक डॉ. रतनपाल सिंह ‘सुमन’ ने कहा है कि विपरीत जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के कारण मातृ स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। अत: इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। वह मंगलवार को एक होटल में मातृ स्वास्थ्य एवं गर्भधारण-पूर्व देखभाल में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर आयोजित संवादात्मक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान तथा HCL फाउंडेशन एवं स्वयं सेवी संस्था ममता हेल्थ इंस्टीटयूट ऑफ मदर एंड चाइल्ड (HIMC) के सहयोग से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
जलवायु परिवर्तन से गर्भवती एक्लैपशिया से हो सकती हैं प्रभावित- डॉ. संगीता गुप्ता
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परिवार कल्याण निदेशक डॉ. संगीता गुप्ता ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण गर्भवती एक्लैपशिया से प्रभावित हो सकती हैं। समय से पहले और कम वजन के बच्चे का जन्म हो सकता है या मृत बच्चे का जन्म हो सकता है। विभाग इसको लेकर कई कार्यक्रम, योजनाएं और अभियान चला रहा है। जिसका परिणाम है कि प्रदेश की सकल प्रजनन दर 2.7 से घटकर 2. 4 हो गई है। यह राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफ एच एस)-5 के आंकड़े बताते हैं।
HCL फाउंडेशन और ममता-HIMC की वजह से जनपद के स्वास्थ्य सेवाओं में हो रहा सुधार- CMO
लखनऊ के CMO डॉ. N.B. सिंह ने बताया कि HCL फाउंडेशन और ममता-HIMC जनपद में चार CHC एवं समुदाय में विभाग का सहयोग कर रही हैं। इसके कारण से सेवाओं में सुधार हुआ है और इस सहयोग को अन्य स्वास्थ्य केन्द्रो में भी प्रदान करने का सुझाव दिया।
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