Indinewsline की पड़ताल: लखनऊ के चंदियामऊ में काट डाले लाखों के बेशकीमती पेड़, अफसरों की सांठगांठ से बगैर अनुमति चलाया आरा

Indinewsline की टीम ने लखनऊ के BBD इलाके के गांवों का किया दौरा

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Indinewsline, Lucknow Team:
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इन दिनों वन विभाग के स्थानीय अफसरों व लकड़ी माफियाओं की सांठगांठ से प्रतिबंधित करने बेसकीमती पेड़ काटे जा रहे हैं। Indinewsline की टीम ने लखनऊ के BBD (बाबू बनारसी दास) इलाके के गांवों का दौरा किया तो यहां लगातार वन विभाग से बगैर अनुमति पेड़ों को काटने की बात पता चली।

सेंट मदर टेरेसा स्कूल के पीछे गोमती किनारे लाखों के पेड़ काटे


टीम BBD के चंदियामऊ गांव के पास पहुंची तो पता चला कि यहां सेंट मदर टेरेसा स्कूल के पीछे गोमती नदी के किनारे तलहटी पर लाखों के पेड़ काटे गए हैं। सूत्रों के मुताबिक लकड़ी माफियाओं ने चोरी- चुपके विभाग के अफसरों की मिलीभगत से लाखों रूपए के प्रतिबंधित पेड़ काट डाले।

जंगली वनस्पति, ऑक्सिजनी और फलदार पेड़ों पर चलाया आरा


करीब पांच एकड़ में फैले जंगल में कई प्रजातियों के जंगली वनस्पति, ऑक्सिजनी और फलदार पेड़ शामिल रहे। इसमे करीब आठ नीम, दो फरेंद, कई पकडिय़ां, चिलबिल, गुलर, सिंगड़ी, जामुन आदि के पेड़ काटकर उठा ले गए। मौके पर पेड़ तो नहीं मिले लेकिन उनके कटे हुए कुछ अंश मिले। कुछ को मिट्टी से दबा दिया गया तो कुछ को खर- पतवारों से ढका गया था। ताकि किसी को कोई जानकारी न मिले।

टीम को देख सहमे ग्रामीण, बोले- ‘साहब यहां लगातार पेड़ों की कटाई होती है’


टीम को देखकर ग्रामीण थोड़े देर के लिए सहम गए थे। पर, जब पूछा गया तो बोले, ‘साहब यहां लगातार पेड़ों की कटाई होती रहती है।’ हालांकि लाखों के पेड़ किसने काटे यह जानकारी ग्रामीण नहीं दे सके।
कुछ ग्रामीणों को जब पेड़ काटने की सूचना मिली तो हड़कम्प मच गया। पर, सबसे अहम यह है कि वन विभाग के अफसर चुप्पी मारकर बैठे हुए हैं।

माफियाओं ने इन पेड़ों को काटने के लिए वन विभाग की नहीं ली अनुमति


जानकारी के मुताबिक माफियाओं ने इन पेड़ों को काटने के लिए वन विभाग की अनुमति नहीं ली थी। बल्कि स्थानीय अधिकारियों से सांठगांठ कर करीब तीन से चार दिन में अवैध तरीके से पेड़ों को काटे हैं।

बताया जा रहा है कि वन विभाग और स्थानीय पुलिस के इशारे पर इन पेड़ों को काटा गया है। इसकी जानकारी विभाग के स्थानीय अफसर को दी गई तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। जबकि नीम और पकड़िया के पेड़ों को काटना गैर कानूनी माना गया है।

BBD के आसपास लकड़ी माफियाओं का कब्जा रहता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि लखनऊ में बैठे वन विभाग के शीर्ष अफसरों की नींद कब टूटेगी। क्या उन्हें जमीनी हकीकत पता नहीं है या फिर वो कागजों पर ही निरीक्षण की औपचारिकता निभा रहे हैं।

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