World AIDS Day: ‘HIV से निपटने के लिए चिकित्सीय समाधान संग सामाजिक परिवर्तन भी जरूरी’- प्रमुख सचिव
इसमें भ्रांतियां, भेदभाव और भ्रामक सूचनाएं एक बड़ी बाधा
Indinewsline, Lucknow:
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा है कि यूपी विशाल और विविधतापूर्ण प्रदेश है यहां पर HIV से निपटने की चुनौती के लिए न केवल चिकित्सीय समाधान की जरूरत है बल्कि सामाजिक परिवर्तन की भी आवश्यकता है।
उन्होंने दावा किया कि HIV के इलाज और रोकथाम की रणनीतियों में लगातार प्रगति हुई है इसके बावजूद इसको लेकर भ्रांतियां, भेदभाव और भ्रामक सूचनाएं एक बड़ी बाधा हैं। यह बाधाएं लोगों को जांच, इलाज और सहायता लेने से रोकती हैं। यह मानवाधिकार का मुद्दा है।
प्रमुख सचिव ने कहा कि इसी क्रम में HIV मरीजों के साथ भेदभाव को दूर करने के लिए सरकार द्वारा HIV/AIDS प्रीवेंशन एंड कण्ट्रोल एक्ट, 2017 लागू किया गया है। किसी को भी उसकी HIV स्थिति के आधार पर स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और रोजगार की पहुंच से वंचित नहीं किया जा सकता है। ऐसा करना मानवाधिकारों का उल्लंघन है। अब यह कहने के लिए एक साथ खड़े हैं कि ‘अब और नहीं’।
HIV संक्रमण और उपचारों के बारे में जागरूक कर इस चुप्पी को तोड़ा जा सकता है
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उत्तर प्रदेश एड्स नियंत्रण सोसाइटी के अपर परियोजना निदेशक रवीन्द्र कुमार का कहना है कि HIV संक्रमण और उपचारों के बारे में लोगों को जागरूक कर इस चुप्पी को तोड़ा जा सकता है। निर्णय और भेदभाव से मुक्त सुरक्षित समाज बनाकर HIV पीड़ित लोगों का समर्थन करना उनके जीवन में बदलाव ला सकता है।
HIV/AIDS संक्रमण के प्रसार को रोकने और इलाज के लिए चल रहे कई प्रयास
सोसाइटी के संयुक्त निदेशक डॉ. रमेश श्रीवास्तव ने बताया कि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के तहत- HIV/AIDS संक्रमण के प्रसार को रोकने और इलाज के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं जिसमें स्वयंसेवी संगठन भी सहयोग कर रहे हैं।
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HIV/AIDS संक्रमण का प्रसार साल 2023 में, साल 2010 के मुकाबले नगण्य है। इसके अलावा HIV/AIDS के नए संक्रमण और इससे होनेवाली मौतों की संख्या भी शून्य है। राज्य में HIV जांच के लिए 399 इंटीग्रेटेड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर (ICTC) उपलब्ध हैं।
राज्य में 35 संपूर्ण सुरक्षा केंद्र और 115 STI/RTI केंद्र भी कार्यरत
इसके अलावा 52 एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (ART) केंद्रों पर उपचार की सुविधा दी जा रही है। राज्य में 35 संपूर्ण सुरक्षा केंद्र और 115 STI/RTI (यौन संचारित संक्रमण/प्रजनन मार्ग संक्रमण) केंद्र भी कार्यरत हैं, जो AIDS और इससे जुड़ी अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मददगार साबित हो रहे हैं। टोल फ्री नम्बर 1097 पर कॉल कर HIV/AIDS से सम्बन्धित शंकाओं का समाधान भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि HIV/AIDS की जाँच के क्रम में प्रदेश में कुल तीन वायरल लोड प्रयोगशालाएं हैं जहाँ लाभार्थियों जांचें सुनिश्चित कि जाती हैं।
क्या हैं एड्स…?
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HIV (ह्युमन इम्यूनो डेफिशिएंसी वायरस) एक ऐसा वायरस है जो कि मानव शरीर में पाया जाता है। यह मनुष्य की प्रतिरोधक क्षमता को धीरे-धीरे कम करता है। AIDS (एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम) HIV की एक अवस्था है। यह वंशानुगत बीमारी नहीं है।
उत्तर प्रदेश में 1.97 लाख HIV संक्रमित
उत्तर प्रदेश में अनुमानित 1.97 लाख लोग HIV संक्रमित हैं, जिनमें से लगभग 1.20 लाख लोग जनपदों में स्थापित ART केंद्रों के माध्यम से उपचार प्राप्त कर रहे हैं। बताते चलें कि हर साल एक दिसम्बर को ‘विश्व एड्स दिवस’ मनाया जाता है। इस साल इस दिवस का विषय है ‘टेक द राइट पाथ’।
AIDS को समाप्त करने का लक्ष्य 2030 तक
AIDS को समाप्त करने का लक्ष्य 2030 तक है। यह लक्ष्य सतत विकास लक्ष्यों (SDG) का एक हिस्सा है और इस दिशा में वर्ष 2025-26 बेहद महत्वपूर्ण है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए नए संक्रमणों में 80 फीसद की कमी लाना, एड्स से होने वाली मृत्यु दर को घटाना, और HIV संक्रमित माताओं से बच्चों में संक्रमण का खतरा पूरी तरह समाप्त करना प्रमुख प्राथमिकताएं हैं।